डिजिटल मार्केटिंग ये term आज के इस इंटरनेट के जमाने में बोहोत कॉमन हो गया है ,facebook ,youtube,या दूसरे social media platform पर जो भी promotional video advisirtment ,या स्पोंसर लिंक्स दिखते हैं तो समझिये की वो डिजिटल मार्केटिंग का हिस्सा है। इसमें कोई भी कंपनी अपने प्रोडक्ट्स को कस्टमर तक पहुँचाने के लिए paid promotion या advertising कर वाती है।
traditional advertising के लिए जैसे ad agency होती हैं ठीक उसी तरह डिजिटल advertising agency भी होती हैं जो अपने क्लाइंट के requirements के हिसाब से उन्हें डिजिटल सर्विस देती हैं।
digital marketing agency खोलने के लिए आपको क्या करना होगा।
आज इसी सवाल का जवाब आपको हमारी इस पोस्ट में मिलने वाला है।
मार्केट साइज ; इंडिया में जबसे इंटरनेट सस्ता हुआ है और लोगो तक मोबाइल इंटरनेट की पहुंच बढ़ी है ,तब से ज्यादा तर लोगो का टाइम फ़ोन और लैपटॉप पर बीतता है। ये वजह है की डिजिटल मार्केटिंग ट्रैंड भी बढ़ा है।
आज कल बड़े बड़े ब्रांड्स के साथ साथ छोटे बिज़नेस मेन की कंपनी भी डिजिटल मार्केटिंगके जरिये अपने कस्टमर बेस बढ़वा रहें हैं। क्योकि अख़बार टी.व् रेडिओ को भले ही कोई consumingकर रहा हो या नहीं पर मोबाइल सब के पास है और लोग इंटरनेट उस भी कर रहें हैं।
course information
Digital मार्केटिंग कोर्स
अगर आपको digital मार्केटिंग की बिलकुल भी जानकारी नहीं है ,या आधी अधूरी जानकारी है तो डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी खोलने से पहले आपको इसकी पढ़ाई कर लेनी चाहिए या कोई डिप्लोमा या डिग्री कोर्स कर लेना चाहिए इसे आपकी knowledge बढ़ जाएगी और आप अपने बिज़नेस की सोच सकते हैं।
डिजिटल मार्केटिंग की बात करें तो आप डिजिटल मार्केटिंग सर्टिफिकेशन कर सकते हैं। जिसके लिए स्टूडेंट का किसी भी स्ट्रीम से 50 % मार्क्स से क्लास 12 पास होना चाहिए। अगर आप डिजिटल मार्केटिंग कोर्स को ऑनलाइन mode पर करते हैं ,तो भी कम से कम ऑनलाइन मार्किट और डिजिटल प्लेटफार्म की जानकारी होना जरुरी है , और 50 % मार्क्स के साथ ग्रेजुएशन की डग्री होनी जरुरी है ,डिजिटल मार्केटिंग में bachelor और master degree के लिए भी 10 +2 में 50 % या graduationमें 50 % के साथ पास होना जरुरी है।
फ्री डिजिटल मार्केटिंग कोर्स ऑनलाइन
अगर आप डिजिटल मार्केटिंग का कोर्स फ्री में ऑनलाइन करना चाहते हैं तो तो गूगल का , fundamentals of digital marketing
coursera , digital media & marketing strategies
linkdin ,learning -online marketing manager
skill share quick tips & tricksto learn digital marketing
जैसे कोर्स कर सकतें हैं। और इनमे से सबसे ज्यादा पॉपुलर कोर्स गूगल का है ,जिसमे: fundamentals of digital marketing
google ADs fundamental
google search ADs की जानकारी दी जाती है। इस कोर्स को करने के बाद आप इसे अपने CV में मेंशन कर सकते हैं ,और इसे आपका कॅरिअर ग्रोथ भी बढे गा.
syllabus of डिजिटल मार्केटिंग
अगर डिजिटल मार्केटिंग के सिलेबस की बात करें तो ये insitituet ऑफ़ प्रोगरामिंग के हिसाब से अलग अलग हो सकते हैं ,पर जो चीजे common हैं, वो हैं:
search engine optimization
1 . what isSEO
2 history & growth of SEO
3 keywords
4 google Adwards
5 on-page optimization – off -page optimization बताया जाता है।
सोशल मीडिया मार्केटिंग
1 social media marketing & social media
2 blogging
3 use of different social media platforms
4 content creation
5 social networking
6 or video creation & sharing
पढ़ाया जाता है ,और साथ ही content marketing और email मार्केटिंग भी सिखाया जाता है।
डिजिटल मार्केटिंग की पढ़ाई के बाद जॉब opportunity
social media manager
marketing research analyst
digital marketing manager
content manager
SEO manager जैसी प्रोफाइल के लिए जॉब opportunity देख सकते हैं।
सैलरी ; आपको सालाना 3 लाख से 7 लाख रुपये तक की नौकरी मिल सकती है।
पर ये डिपेंड करता है की अपने पढ़ाई कहा से की है आपकी knowladge और स्किल पर।
अब बात करते हैं डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी खोलने की इसका प्रोसेस क्या है ?
Company registration : सबसे पहले आपको एक कंपनी रजिस्ट्रेशन करवाना होगी। जिसके बैनर तले आप सर्विस देंगे , और अगर शुरुआत में proprietorship वाला रजिस्ट्रेशन लेंगे तो अच्छा रहेगा क्योकि प्रिवेट लिमटेड कंपनी के मुताबिक इसे रजिस्टर करवाना आसान होता है। और आपको कंपनी के नाम पर
बैंक अकाउंट ,current अकाउंट ,PAN कार्ड ,ट्रैड लाइसेंस ,और GST लेना होगा।
logo और कंपनी का नाम भी रजिस्टर करवाना पड़ेगा जिसे किसी और organization से वो क्लैश न करे।
Office space; शुरुआत में आप छोटी ऑफिस स्पेस और छोटी टीम से भी ाजे बढ़ सकते हैं।
Team : एक डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी चलने के लिए आपको
website developers ,graphic designers ,sales & marketing team ,tele callers , SEO expert ,adword expert ,content writer जैसे profesional की जरुरत पड़ेगी। depende करता है की आप अपना बिज़नेस कितने बड़े स्किल पर करना चाह रहें हैं। और उसके लिए केसा और कितना इम्पोरेस चाहिए उसी हिसाब से आप उन्हें सैलरी फ्रीलांसर के तोर पर recruit कर सकते हैं।
Service : अपनी एजेंसी से आप क्या कुछ सर्विस देंगे ये Decided करना होगा।
सर्विस के तोर पे website development ,security service for website social media management ,ppl – pay per click ,SEO सर्विस , email marketing ,google And facebook advertising ,रैंकिंग google सर्च , ग्राफ़िक designing जैसी सर्विस दे सकते हैं।
सर्च इंजन ऑप्टिमाइजेशन ; की बात करेंट ो इसमें ये होता है की आप जिस किसी को भी सर्विस देते हैं उसमे उसकी वेबसाइट और ब्लॉग सर्च रिजल्ट में शो करेगा।
Google ranking : ये SEO से ही जुड़ा है मतलब जब भी गूगल पर कुछ सर्च करते हैं ,तो रिजल्ट में जो लिंक या website टॉप 3 या 5 में अत है वो रैंकिंग में काउंट होता है।
आज कल जब भी हम इंटरनेट पर कुछ ढूढ़ते हैं तो ये ही देखते हैं की कंपनी ognization की वेबसाइट है या नहीं फिर चाहे वो कोई school, hospital, restaurant, club bar, pub spa, salon ,स्कूल college या कोई insitute ही क्यों न हो। इसिलए आपके किसी भी क्लाइंट की वेबसाइट न हो तो आप उसे वेबसाइट बनवाने की सर्विस अप्रोच कर सकते हैं।
इसी तरह google , फेसबुक ,यूट्यूब ,इंस्टाग्राम जैसे पॉपुलर सोशल मीडिया पर क्लाइंट का स्पोंसर ,या paid प्रमोशन करवा कर उसे कस्टमर का लीड दे सकते हैं।
Social media post : जब भी आप किसी सोशल मीडिया पर कोई आकर्षित पोस्ट देखते हैं तो अच्छा लगता है तो उसे किसी ने तो डिज़ाइन किया ही होगा बड़े बड़े insititiute इसके लिए अपने आस पास रिसोर्स रखते हैं या फिर किसी एजेंसी की सर्विस लेते हैं। इसिलए आप अपने पास ग्राफिक डिज़ाइनर रखकर ,सोशल मीडिया पोस्ट ,पोस्टर ,क्रिएटिव पोस्ट for इवेंट्स ,फेस्टिवल्स wishes जैसी चीजों की भी सर्विस दे सकते हैं।
Website : एक कंपनी होने के नाते आपकी अपनी भी एक वेबसाइट होनी चाहिए इसलिए आप अपनी भी एक अच्छी वेबसाइट बनवा लें जंहा आपके सर्विस की ट्रैंड फीड बैक और आपकी टीम की achivment जैसी चीजे होनी चाहिए क्योकि अपनी खुद की ब्रांडिंग और मार्केटिंग के लिए भी ये सब चीजे जरुरी होती हैं।
जिसमे website ,social media handles , टीम के लिए visiting card ,id card ,official number और mail id आपके काम को प्रोफ़ेशनल look देगी।
Technical support : आपके जो भी क्लाइंट उन्हें अपना लॉन्ग टर्म कस्टमर बनाये रखने के लिए उनके टच में रहें उनसे उनका फीड बैक लेते रहिये और उन्हें अगर कोई दिकत आ रही है तो उन्हें टेक्निकल सपोर्ट दीजिये और उनकी queries solve करिये जिसे आपके कस्टमर को हमेशा स्पेशल फील होगा।
अगर उन्हें अपनी सर्विस अपग्रेड करना है तो उसका भी अप्रोच दीजिये ताकि वो आउट ड्यूटी न रहें ,इसलिए क्योकि डिजिटल वर्ल्ड में technology बोहोत जल्दी उपग्रड होती रहती है और एहि बात आप पर भी लागू होती है, अगर आप बिज़नेस में हैं तो आपको कॉम्पिटिशन तो फेस करना ही होगा इसिलए अगर आपके शहर में कोई और डिजिटल मार्केटिंग एजेंसी है तो उसकी सर्विस को analysis करते रहिये ,इसके साथ साथ आपको अपने कस्टमर को टाइम तो टाइम ट्रेनिंग भी दिलाते रहिये ताकि नई टेक्नोलॉजी के साथ वो अपग्रेड रहें।
इन सभी चीजों के आलावा ये भी ध्यान रखिये गा की किसी ऐसे क्लाइंट का प्रोजेक्ट आप न ले जिनकी मार्किट में रेपोटेशन अच्छी नहीं हैं या फिर वो कोई legal लफड़े में फंसे हों ,क्लाइंट का प्रोजेक्ट लेने से पहले अपनी तरफ से उसका बैकग्राउंड अच्छी तरह से चेक कर लें तो नुकसान होने से बच जायेंगे।
निष्कर्ष
तो उम्मीद करते हैं की इस पोस्ट से आपको डिजिटल मार्केटिंग का बिज़नेस शुरू करने को लेकर सरे सवालों के जवाब और काफी जानकारी मिली होगी।