सोचो की आपको एक आईडिया आया आपने एक विज़न देखा और आपने एक कंपनी बना डाली लेकिन तभी आपका विज़न आपका आईडिया सब कुछ आपसे छीन कर आपको आपकी ही कंपनी से बहार निकाल दिया जाता है तोह फिर आपको कैसा लगेगा ऐसी ही कुछ कहानी है भारतपे की आज हम अश्नीर ग्रोवर को सक्सेसफुल बिजनेसमैन और बहोत ही जबरदस्त शार्क टैंक का शार्क देखते है लेकिन क्या आपको यह मालूम है की वह आखिर यहाँ तक पहुचे कैसे थिस वीडियो इस ब्रौघटटू यू बय हिरेक्ट जिसके बारे में हम आगे बात करेंगे अब यहाँ पे भारतपे की कंट्रोवर्सी हर कोई कह रहा है अनइंस्टाल भारतपे इतना सब कुछ करने के बाद अगर अश्नीर ग्रोवर को कुछ मिला है तोह वो है प्योर हेट यही पर अगर दूसरी तरफ देखा जाये तोह 2018 में शुरू हुई भारतपेतीन साल के अंदर अंदर २०,००० करोड़ से भी ज्यादा की कंपनी बन गयी है सवाल यह है की आखिर क्या है भारतपे और अश्नीर ग्रोवर का सच बहुत ही कम लोगो को यह मालूम है लेकिन भारतपे जिस वजह से अश्नीर ग्रोवर को नाम और पैसा सब कुछ मिला वो एक्चुअली में अश्नीर ग्रोवर ने शुरु ही नहीं करि थी सो इस कहानी की सुरुवात होती है 2018 में जब iit के दो लड़के सस्वत नकरनी और भाविक कोलाडिया यह दोनों मिलकर डिजिटल पेमेंट मार्किट के अंदर एक बहुत बड़ा गैप इदेन्तिफ़्य करते है वह गैप ये था की डिजिटल पेमेंट करने के लिए हर एक दूकानदार के पास अलग अलग क्यू आर कोड होते थे मान लो की आप पे tm यूज़ करते हो लेकिन दुकानदार के पास फोनपे का क्यू आर कोड है तोह आप ऐसे सक्नेरिओ में आप डिजिटल पेमेंट नहीं कर पाओगे इसके अलावा साल 2018 में UPI पेमेंट के बारे में इंडिया में भोत ही कम लोगो को जानकारी थी एंड सबसे पेनफुल जितनी भी पेमेंट मर्चेट की कंपनी थी जैसे की गूगल पे ,फोनपे ,और पेटम यह सब के सब मर्चेंट थेोंकी ट्रांसक्शन वैल्यू पर वन पॉइंट फाइव परसेंट एस कमिशन चार्ज करते थे यानि की अगर शॉपकीपर ने 200 रुपय की प्रोडक्ट बेचा है जिसके ऊपर उसको 20 रुपय का प्रॉफिट होता है तोह ऐसे केस के अंदर भी यह कंपनी 200 रूपए का वन पॉइंट फाइव परसेंट यानि की तीन रूपए एस कमिशन चार्ज कर लेगी यानि की अब दुकानदार के पास बस 17 रूपए का प्रॉफिट बचा है

साल दो हज़ार अठारा अब मार्किट में जिओ को आये करीब दो साल हो चुके थे और पूरा का पूरा देश डिजिटल पेमेंट मेथड को एडाप्ट कर रहा था और इसी चीज़ का फायदा उठाते थे फोनपे और गूगलपे इन कंपनी ने पूरी की पूरी मार्केट्स को रूल करना सुरु कर दिया था सवाल यह है की जब डिजिटल पेमेंट मार्किट के अंदर आलरेडी इतना ज्यादा Saturation आ चुका था तोह सिर्फ तीन साल के अंदर अंदर भारतपे ने बड़ी बड़ी कंपनी जैसे फोनेपे ,पेटीएम और गूगलपे इन सारी कंपनी को डेफिट करते हुए मार्किट को कैसे डॉमिनेट किया एंड सबसे इम्पोर्टेन्ट अगर सब कुछ इतना जरुरत से चल रहा था अश्नीर ग्रोवर ने बस तीन साल के अंदर अंदर कंपनी को इस मोकाम तक पहोचा दिया था। तोह फिर उनको आखिर भारतपे क्यों छोड़ना पड़ा। इंडियन डिजिटल पेमेंट मार्किट के अंदर चल रही प्रोब्लेम्स को सोल्व करने के मोटीव से जब सस्वन्त और भाविक ने भारत पे की सुरुवात करि थी तोह अश्नीर ग्रोवर के पास कुछ फंडिंग मांगने के लिए गए थे अश्नीर ग्रोवर जिन्होंने काफी साल अमेरिका की एक्सप्रेस में बिताये थे और वह ग्रॉफिन्स के एक्स CFO भी रहे चुके थे उन्हे शाश्वत का आईडिया भोत ज्यादा पसंद आता है और क्युकी भारतपे का मॉडल ही कुछ इस तरह से डिज़ाइन था की वह आगे आने वाले टाइम में एक भोत ही ज्यादा लार्ज प्रॉफिटेबल बिज़नेस बन सकता है इस चीज़ को देखते हुए अश्नीर ग्रोवर ने भारतपे को फंडिंग देने का फैसला किया और अश्नीर ग्रोवर ने भारतपे के अंदर आते ही मानलो कंपनी की तोह तक़दीर ही बदल गई सबसे पहले तोह भारतपे ने मर्चेंट्स के लिए मल्टीप्ल QR कोड का झंझट हटाकर एक सिंगल QR कोड इंट्रोडस किया फिर चाहे कोई paytm यूज़ करे फोनपे यूज़ करे या गूगलपे यूज़ करे मर्चेंट इसिली सिर्फ एक सिंगल QR कोड के थ्रू आराम से अपने कस्टोमेर्स से पेमेंट्स ले सकते थे। एंड मोस्ट इम्पॉर्टन्टलय क्योंकी सारे के सारे पेमेंट मर्चेंट्स कमीशन मॉडल के ऊपर ऑपरेट कर रहे थे। भारतपे डिसाइडिड टू कीप इट फ्री फॉर आल अब मर्चेंट्स को एक भी रुपया ट्रांजक्शन कमीशन देने की कोई जरुरत ही नहीं थी और कस्टमर्स के लिए तोह यह हमेशा ही फ्री था। जिसके चलते हर एक मर्चेंट ने बिना दो पल सोचे भारतपे को तुरंत ज्वाइन किया बिकॉज़ इट वास् नो ब्रेनर फॉर डेम देम जहा paytm ,फोनपे जैसे मर्चेंट पेमेंट सेटलमेंट करने के चक्कर में दो दिन तक लगा देते थे। वही पे भारतपे ने सैम डे पेमेंट सेटलमेंट इंट्रोडूस किया। जिसके चलते भारतपे के ऊपर बहोत ही जल्दी बहोत ही सारे मर्चेंट्स आ गये। आई नाउ आप ये सोच रहे होंगे न अगर भारतपे सारी की सारी चीज़े फ्री में दे रही है तोह फिर यह कंपनी आखिर पैसे कैसे कमाती है। और इस कंपनी के बारे में ऐसा क्या स्पेशल है जिसे सिर्फ तीन साल के अंदर अंदर इस कंपनी को 20,000 करोड़ रूपए से भी ज्यादा का बना दिया। अब क्युकी भारतपे कमिशन मॉडल के थ्रू तोह पैसा कमा नहीं सकती।तोह इसी चीज़ को सोल्व करने के लिए भारतपे ने अपने आर्टिफीसियल इंटेलिजेंस सिस्टम का यूज़ किया अश्नीर ग्रोवर ने यह ऑब्ज़र्वे किया की ज्यादा तर मर्चेंट एक हाई कैशफ़्लो लेकिन लौ मार्जिन बिज़नेस के अंदर ऑपरेट कर रहे है। जिसके चलते उनसे कमीशन चार्ज करने का तोह कोई सवाल ही नहीं पैदा होता। लेकिन इन में से ज्यादा तर मर्चेंट को काफी बार शार्ट टर्म लोन्स की जरुरत पड़ती है जो लोन वह कभी भी बैंक से नहीं ले पाते। क्युकी बैंक कोलैटरल के बिना तोह लोन देते नहीं है। बैंक से लोन लेना अपने आप में एक भोत ही लम्बा और हेक्टिक प्रोसेस होता है। और इसी प्रॉब्लम को भारतपे ने मर्चेंट के लिए सोल्व किया। भारतपे ने हर एक मर्चेंट के लिए भारतपे ने एक मर्चेंट लैंडिंग सिस्टम डेवेलोप किया। जिसके थ्रू यह मर्चेंट easily बिना किसी कोलैटरल के अपने ऑपरेशनल खर्चो के लिए शार्ट टर्म लोन्स उठा सकते है आई नाउ आप यही सोच रहे होंगे न बिना किसी कोलैटरल के बिना कोई किसी को आखिर कैसे लोन दे सकता है। क्या यह चीज़ भोत ज्यादा रिस्की नहीं होती है लेकिन यह वह जगह है जहा पर भारतपे का जबरदस्त अल्गोरिथम काम आता है। जब भी कोई मर्चेंट भारतपे के थ्रू पेमेंट रिसीव करता है तोह भारतपे के पास भोत सारा डेटा पहोचता है इन पेमेंट्स के डाटा के थ्रू भारतपे को काफी सारि चीज़े पता लग जाती है। जैसे की उस पर्टिकुलर मर्चेंट का कैश इनफ्लो कैसा है कैश ऑउटफ्लो कितना है मतलब की बिज़नेस के अंदर कितना पैसा आ रहा है कितना पैसा बिज़नेस से जा रहा है और ऑन एवरेज उस मर्चेंट के पास कितने रूपए की इन्वेंटरी पड़ी रहती है इसके साथ साथ वह मर्चेंट कितना प्रॉफिट कर रहा है कितनी उसकी सेविंग्स हो रही है सारा का सारा डाटा भारतपे के पास होता है इसी डाटा को रीड करके भारतपे का रेवॉर्डां उस मर्चेंट की रेपायिंग कैपेसिटी एक्सेस करता है।

अश्नीर ग्रोवर ने भारतपे को आज इस मोकाम तक पहोचा दिया है की भारतपे हर महीने 300 करोड़ रूपए से भी ज्यादा के लोन प्रोसेस कर रही है। और सिर्फ इतना ही नहीं आल इन वन QR कोड 12% क्लब , पोस्टपै ,PNC कलाब्रेशन और बैंकिंग लाइसेंस के साथ आज भारतपे इंडिया का सबसे पावरफुल पेमेंट मर्चेंट प्लेटफार्म बन चूका है। सवाल ये है की भारतपे के लिए इतना सब कुछ करने के बावजूद भी अश्नीर ग्रोवर को भारतपे क्यों छोड़ना पड़ा। यह कहानी काफी ज्यादा दिलचिस्प है। देखो किसी भी स्टर्टअप के अंदर जॉब करने के न काफी ज्यादा फायदे होते है। आपको भोत सारी चीज़े स्क्रैच से बिल्ड करने को मिल जाती है। अच्छी सैलरी और इसोप्स मिल जाते है। इसके साथ साथ भोत जबरदस्त नेटवर्किंग करने को मिलता है।

एंड सबसे इम्पोर्टेन्ट अगर स्टार्टअप भोत ज्यादा अच्छा है न तो आपको एक भोत ही ज्यादा जबरदस्त वर्क एन्वॉयरन्मेंट मिलता है। प्रॉब्लम पता है क्या है लोग इन स्टार्टअप्स के अंदर काम तोह करना चाहते है लेकिन उनको समझ में नहीं आता की इन स्टार्टअप के अंदर आखिर घुसे कैसे। यही वो जगह है जहा पर hirect आपके काम आता है। hirect के थ्रू आप कोई स्टार्टअप्स के अंदर जॉब कर सकते हो जहा पर आपको अच्छी सैलरी के साथ साथ भोत जबरदस्त करियर ग्रोथ ओप्पोर्तुनिटी भी मिलेगी। hirect पे आप स्टार्टअप्स के फाउंडर्स और CXOs से डायरेक्टली बात कर सकते हो वो भी बिना किसी कंसल्टिंग के एंड hirect के ऊपर इस वक़्त आलरेडी 60,000 से भी ज्यादा स्टार्टअप हायर कर रहे है। आपको ज्यादा कुछ नहीं करना डिस्क्रिप्शन के अंदर लिंक है वहा से जाकर hirect डाउनलोड करके आपको कुछ सवालो के जवाब देकर एक जबरदस्त प्रोफाइल क्रिएट करनी है। और आपको उसी प्रोफाइल के अकॉर्डिंग hirect का जबरदस्त अल्गोरिथम को रेक्रूइटर से मैच करा देगा। जहा तक बात प्राइवेसी की आती है तोह डोंट वररी आपकी कोई भी डिटेल बिना आपकी पर्मिशन के किसी रिक्रूइटर से शेयर नहीं करि जायगी अगर आप एक जॉब सीकर हो तोह hirect के ऊपर आपके लिए बहुत सारी oportunities इस वक़्त वेट कर रही है सो आप किस चीज़ का वेट कर रहे हो। अगर करियर में ग्रोथ चाहिए। तोह डाउनलोड hirect और स्टार्ट योर जर्नी दा लिंक इस इन थे डिस्क्रिप्शन। 19 जैन 2022 अश्नीर ग्रोवर और ोंकी वाइफ माधुरी जैन ग्रोवर को एक लम्बी छुटी पर भेज दिया जाता है लेकिन कंट्रोवर्सी का जनम होता है अक्टूबर 2021 के अंदर जब अश्नीर ग्रोवर सिक्योरिटीज लोन के लिए कोटक महिंद्रा बैंक को अप्प्रोच करते है अश्नीर ग्रोवर nykaa के IPO के अंदर इन्वेस्ट करने के लिए लेना चहते थे। लेकिन किसी रीज़न से ये लोन पोसेस नहीं हो पाया। जिसके बाद अश्नीर ग्रोवर और कोटक महिंद्रा बैंक के वेल्थ मैनेजमेंट एम्प्लोयी के बीच में अच्छी खासी एब्यूज बहस हो गयी unfortunitly ये कॉल रिकॉर्ड हो जाता है और january २०२२ के अंदर जब अश्नीर ग्रोवर शार्क टैंक इंडिया के अंदर आते है। और एक शार्क बनते है उस टाइम पर ये रिकॉर्डिंग लीक हो जाती है अब अश्नीर ग्रोवर अमीर भी थे और फेमस भी बन चुके थे। लेकिन इस कॉल रिकॉर्डिंग के आने के बाद ाश्नीर ग्रोवर के लिए सब कुछ बदल गया। और बस इतना ही नहीं रिकॉर्डिंग के लीक होने के बाद एक भोत बड़ा coprate

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